आवास/मकान/घर केवल ईंट   ,चुने और पत्थर  से बनी एक आकृति नहीं हे..वरन इसका अर्थ उस स्थान से हे जहाँ पर वहां रहने वाला परिवार शांति.सुख और सुकून/चेन से एक साथ रहकर उसे “घरोंदा ” बनाते हे…
यदि वास्तु के सिद्धांतों को ध्यान  में रखकर घर/ आवास/ मकान को बनाया जाये तो वह स्थान सभी को शांति-सुकून देता हे तथा इन्हें अपनाकर वस्तुदोशो से भी मुक्ति पाई जा सकती हे…
वर्तमान बदलते परिवेश में वास्तु का महत्त्व (प्रचार-प्रसार ) दिनों दिन बढ़ता जा रहा हे…
आजकल सभी बिल्डर और आर्किटेक्ट तथा इंटीरियर डिजाईनर भी घर बनाते समय वास्तु सिद्धांतो का पूरा ध्यान रखने लगे हे…इस प्रकार बना घर खुबसूरत हेने के साथ-साथ पोजिटिव एनर्जी  भी  देता हे…
ऐसे घर को सजाते समय निम्न आवश्यक बैटन का ध्यान रखे— 
१.- घर के एंट्रेंस   गेट पर “स्वस्तिक” या “ॐ” की आकृति अवश्य लगवाएं,,,सुख शांति बनी रहेगी.. 
२.- ध्यान रखे की आपके मकान पर किसी मंदिर की छाया/ उस मंदिर के झंडे/ ध्वजा  की छाया न पड़ती हो..यदि ऐसा हे तो शारीरिक और आर्थिक परेशानियाँ दिन-ब-दिन बढेंगी… 
३.- श्री/ सम्रद्धि हमेशा   बनी रहे उसके लिए इशान दिशा में पानी   से भरा कलश / एक्वेरियम या कोई झरना जरुर रखें…  
४.-घर की पोजिटिव/ सकारात्मक उर्जा / वातावरण बढ़ने में सूर्य   की रोशनी का विशेष महत्त्व होता   हे… मकान का इंटीरियर करवाते समय ध्यान रखें की सूर्य की रोशनी उस घर में पर्याप्त रूप से प्रवेश करती हो… 
५.-घर के ड्राईंग रूम में हमेश फूलों का गुलदस्ता रखें—अशांति और कलह ससे बचे रहेंगे… ६.-रात्रि में कपडे धोकर न सुखाएं और न ही अशुद्ध वस्त्रों को प्रवेश द्वार के सामने रखे / सुखाएं.. 
७.- कई जगह भोजनशाला/ रसोई घर में ही पूजाघर/ देवस्थान बना दिया जाता हे जो वास्तु सिद्धांतो के विपरीत हे…परेशानियाँ बढ़ती हे… 
८.-घर/ मकान के किसी भी शयन कक्ष/ बेडरूम में भगवन/ आपके इष्ट के फोटो/चित्र या टीवी/ कांच नहीं होना चाहिए,,,विवाद/क्लेश होता हे बिनावाजः… 
९.-वहा बना देवस्थान/ पूजाघर शोचालय से दूर होना चाहिए…या दोनों की दीवारें अलग-अलग होनी चाहिए… 
१०.-कोशिश करें, घर के सभी सदस्य एक समय, साथ में डिनर/ भोजन करें…प्यार-एकता-सदभाव -विश्वास बढ़ता हे…

Thenx u veri much.
Pt. DAYANANDA SHASTRI;
प्रिय मित्रो. आप सभी मेरे ब्लोग्स पर जाकर/ फोलो करके – शेयर करके – जानकारी प्राप्त कर सकते हे—- नए लेख आदि भी पढ़ सकते हे….. धन्यवाद…प्रतीक्षारत….
आपका— 
“विनायक वास्तु टाईम्स”–पंडित दयानंद शास्त्री-
 M – .— 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here