********राहु स्तोत्रम***–पवन तलहन **

राहुर्दानवमत्री च सिन्हिकाचित्तनंदन!

अर्धकाय सदाक्रोधी चन्द्रादित्यविमर्दन!!१!!
रौद्रो रुद्राप्रियो दैत्य स्वर्भानुर्भानुभीतिद!
ग्रहराज:सुधापायी राकातीथ्यामीलाषुक!!२!!
काल दृष्टि: कालरूप: श्रीकंठ हृदयाश्रय:!
विधुंतुद सैहिकेयो घोररूपो महाबला:!!३!!
ग्रहपीड़ाकरो दंद्री रक्तनेत्रो महोदर:!
पञ्चविंशतिनामानि स्मृत्वा राहुं सदा नर:!!४!!
य: पठेन्महती पीड़ा तस्य चश्यती केवलम!
आरोग्यं पुत्रमतुलां श्रिय धान्यं पशूंस्तथा!!५!!
ददाति राहुस्तस्मै य: पठेत स्तोत्रमुत्तमम!
सततं पठेत यस्तु जीवेद्वर्षशतं नर:!!६!!


राहु के दुष्प्रभाव को मिटाने के लिये इस स्तोत्र का पाठ करें! राहु की दशा में और राहु के अशुभ होने पर भी इस स्तोत्र का पाठ करने पर राहु शुभ होता है!
इसबार राहु अपना क्रूर प्रभाव अधिक दिखायेगा!

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