जन्म कुंडली का पहला घर (भाव)और उसके प्रभाव—-

भारतीय ज्योतिष में कुंडली के पहले घर को लग्न भाव अथवा लग्न भी कहा जाता है तथा भारतीय वैदिक ज्योतिष के अनुसार इसे कुंडली के बारह घरों में सबसे

महत्त्वपूर्ण घर माना जाता है। किसी भी व्यक्ति विशेष के जन्म के समय उसके जन्म स्थान पर आकाश में उदित राशि

को उस व्यक्ति का लग्न माना जाता है तथा इस राशि अर्थात लग्न अथवा लग्न राशि को उस व्यक्ति की कुंडली बनाते

समय पहले घर में स्थान दिया जाता है तथा इसके बाद आने वाली राशियों को कुंडली में क्रमश: दूसरे, तीसरे — बारहवें घर

में स्थान दिया जाता है। उदाहरण के तौर पर यदि किसी व्यक्ति के जन्म के समय आकाशमंडल में मेष राशि का उदय हो

रहा है तो मेष राशि उस व्यक्ति का लग्न कहलाएगी तथा इसे उस व्यक्ति की जन्म कुंडली के पहले घर में स्थान दिया

जाएगा तथा मेष राशि के बाद आने वाली राशियों को वृष से लेकर मीन तक क्रमश: दूसरे से लेकर बारहवें घर में स्थान  दिया जाएगा।

किसी भी कुंडली में लग्न स्थान अथवा पहले घर  का महत्त्व सबसे अधिक होता है तथा कुंडली धारक के जीवन के लगभग सभी महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में इस घर का प्रभाव

पाया जाता है। कुंडली धारक के स्वभाव तथा चरित्र के बारे में जानने के लिए पहला घर विशेष महत्त्व रखता है तथा इस

घर से कुंडली धारक की आयु, स्वास्थ्य, व्यवसाय, सामाजिक प्रतिष्ठा तथा अन्य कई महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों के बारे में पता

चलता है। कुंडली का पहला घर शरीर के अंगों में सिर, मस्तिष्क तथा इसके आस-पास के हिस्सों को दर्शाता है तथा इस घर

पर किसी भी बुरे ग्रह का प्रभाव शरीर के इन अंगों से संबंधित रोगों, चोटों अथवा परेशानियों का कारण बन सकता है।

कुंडली का पहला घर हमें पिछले जन्मों में संचित किए   गए अच्छे-बुरे कर्मों तथा वर्तमान जीवन में इन कर्मों के कारण मिलने वाले फलों के बारे में भी बताता है। यह घर व्यक्ति

की सामाजिक प्राप्तियों तथा उसके व्यवसाय तथा जीवन में उसके अपने प्रयासों से मिलने वाली सफलताओं के बारे में भी  बताता है।

पहले घर से व्यक्ति के वैवाहिक जीवन, सुखों के भोग,  बौद्धिक स्तर, मानसिक विकास, स्वभाव की कोमलता अथवा कठोरता तथा अन्य बहुत सारे विषयों के बारे में भी जानकारी

प्राप्त होती है। पहला घर व्यक्ति के स्वाभिमान तथा अहंकार की सीमा भी दर्शाता है। कुंडली के पहले घर पर एक या एक

से अधिक बुरे ग्रहों का प्रभाव कुंडली धारक के जीवन के लगभग किसी भी क्षेत्र में समस्या का कारण बन सकता है तथा

कुंडली के पहले घर पर एक या एक से अधिक अच्छे ग्रहों का प्रभाव कुंडली धारक के जीवन के किसी भी क्षेत्र में बड़ी

सफलताओं, उपलब्धियों तथा खुशियों का कारण बन सकता है। इस लिए किसी भी व्यक्ति की कुंडली देखते समय उसकी

कुंडली के पहले घर तथा उससे जुड़े समस्त तथ्यों पर बहुत ही ध्यानपूर्वक विचार करना चाहिए।

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