क्या आपके नए घर/भवन/मकान में हें कोई परेशानी/समस्या…????

जेसा की आप जानते हें की आज के ज़माने में समाचार पत्रों एवं बुद्धू बक्सों से अवतरित गुरुओं ने वास्तु को इतना भ्रामक बना दिया है कि  किसकी माने और किसकी नहीं वाली स्थिति पैदा हो जाती है .वास्तुशास्त्री एवं ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद शास्त्री(मोब.-. ) के अनुसार हमारे इन गुरुओं को पता होना चाहिए कि वास्तु शास्त्र की देन हमारे प्राचीन भारत की है न कि चीन एवं इजिप्ट की. 

ये हमारी  विडम्बना है कि हम अपने देश के विद्वानों  के रचित शास्त्र नहीं वरन  कीरो , नास्त्रेदमस आदि के लिखे  हुए भ्रामक एवं उलझाऊ शास्त्रों के दीवाने रहते हैं. और शायद इसी विचार धारा ने हमसे हमारे शास्त्रों को दूर कर दिया है, जिसका फायदा आज कल के स्वंअवतरित गुरुजनों ने बखूबी उठाया है जो भारतीय  वास्तु में चीनी वस्तुओं के उपयोग से वास्तु दोष को दूर करने का बखान करते हैं .क्या ये बता सकते है कि जो दोष एक तुलसी का पौधा दूर कर सकता है वो चाइनीज़ बांस कैसे दूर करेगा,सनातन काल से हमारे यहाँ तुलसी,पीपल ,बरगद आदि को पूज्यनीय समझा जाता रहा है मगर धन्य हो ज्ञान दाताओं  का जिनकी बदौलत चाइनीज़ बांस ,कछुए ,और भी न जाने क्या -क्या, वास्तु दोष को दूर करने के नाम पर हमारे घरों में पहुंचा चुके है .

वास्तुशास्त्री एवं ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद शास्त्री(मोब.-.90.4.90067 ) के अनुसार  इन गुरुओं को इनके हाल में छोडना ही उचित रहेगा.चलिए अब बात करते है  कि नए घर में प्रवेश करने से पहले हमें किन – किन तिथियों एवं महीनों   पर ध्यान देना चाहिए एवं ये हम पर किस तरह का प्रभाव डालते हैं .

वास्तुशास्त्री एवं ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद शास्त्री(मोब.-09024390067 ) के अनुसार यहाँ हमें एक बात पर और ध्यान देना चाहिए कि यदि हम अपने पुराने भवन को पुनः नया बनवाकर उसमे गृह प्रवेश करते है तो अपनी सुविधा के अनुसार आप उस घर में रहने के लिए जा सकते सिर्फ वास्तु पूजन ही पर्याप्त है ,तिथियों के अनुसार गृह प्रवेश जरूरी नहीं है .
आप इन बातों/चीजों का भी रखे विशेष ध्यान—–
——- नए  घर में प्रवेश उत्तरायण सूर्य में वास्तु पूजन  करके ही करना चाहीये  |  उसके पहले वास्तु का जप यथाशक्ती करा लेना चाहिये.
—-शास्त्रानुसार गृह प्रवेश में माघ ,फाल्गुन ,वैशाखज्येष्ठ आदि मास शुभ बताये गये है माघ महीने में    प्रवेश करने वाले को धन का लाभ होता है.
—–जो व्यक्ति अपने नये घर में  फाल्गुन मास में वास्तु पूजन  करता है उसे पुत्र,प्रौत्र और धन प्राप्ति दोनो होता है.
——चैत्र मास में नवीन घर में प्रवेश के लिये जाने वाले को धन का अपव्यय सहना पडता है |
——–गृह प्रवेश बैशाख माह में करने वाले को धन धान्य की कोई कमी नहीं रहती है |
——जो व्यक्ति पशुओ  एवँम  पुत्र का सुख चाहता होऐसे व्यक्ति को अपने नये मकान मे ज्येष्ठ माह में करना चाहिए.
—–शुक्लपक्ष की प्रतिपदा से लेकर कृष्णपक्ष की दशमी तिथी तक वास्तुनुसार गृह प्रवेश वंश वृध्दि दायक माना गया है, धनु एवं  मीन राशि  के सूर्य  यानी कि मलमास में भी नये मकान में प्रवेश नहीं करना चाहिए.
—— जिस मकान का द्वार दक्षिण दिशा में हो तो गृह प्रवेश एकम् छठ , ग्यारस आदि तिथियों में करना चाहिए ——- दूज , सप्तमी  तिथि  को  पश्चिम  दिशा के द्वार के  गृह प्रवेश के लिए  श्रेष्ठ बताया गया है 

इन आसान से उपायों से भगाइये परेशानियों को दूर——-

वास्तुशास्त्री एवं ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद शास्त्री(मोब.-09024390067 ) के अनुसार  हम सबकी जिंदगी में बहुत सी उलझनें होती हैं समस्याएं होती हैं ,इन उलझनों को दूर करने का जब और कोई माध्यम हमें नहीं सूझता तब हम और आप तांत्रिक – मांत्रिक के लिए दौड भाग करना शुरू कर देतें हैं ,और ये तथाकथित सिद्ध बाबा अपने आडम्बरों से कितनों का दुःख दूर कर पाते हैं ये तो मैं नहीं जानता हाँ इन बाबाओं  की गरीबी आप के पैसों से जरूर दूर हो जाती है ,मैं आज आपको कुछ छोटे मगर चमत्कारिक उपायों के बारे में बताता हूँ जिनसे आप की अगर एक भी समस्या हल हो गयी तो मैं अपने इस ब्लॉग की रचना को सार्थक समझूंगा…..

——अगर खरीदा हुआ नया घर आपके लिए ज्यादा फलदाई नहीं हैं –

–जैसे नए घर में प्रवेश करने पर पति-पत्नी में मन-मुटाव, बच्चों में अशांति का दोष पाया जाता है, तो ऐसे घर में प्रवेश द्वार पर श्रीगणेश की मूर्ति स्थापित करनी चाहिए। ऐसा करने से शीघ्र चमत्कार होगा और आपका नया घर भी आपके लिए ढ़ेरों खुशियां लेकर आएगा।
——साथ ही धनदायक गणपति की प्रतिमा के साथ श्रीपतये नमः, रत्नसिंहासनाय नमः, ममिकुंडलमंडिताय नमः, महालक्ष्मी प्रियतमाय नमः, सिद्घ लक्ष्मी मनोरप्राय नमः लक्षाधीश प्रियाय नमः, कोटिधीश्वराय नमः जैसे मंत्रों का सम्पुट होता है। ऐसे मत्रों का जप करके आप दौलतमंद तो होंगे ही, साथ-साथ आपकी सारी परेशानियां भी दूर हो जाएंगी। 

—-अगर आप नया मकान खरीदने जा रहे है और आपको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है तो आप निम्न उपाय आजमाएं। भगवान गणेश आपकी सारी समस्याओं को दूर करके आपको नया मकान दिलाने में जरूर सहायता करेंगे। 

===गणपतिजी का बीज मंत्र ‘गं’ है। इस अक्षर के मंत्र का जप करने से सभी कामनाओं की पूर्ति होती है। षडाक्षर मंत्र का जप आर्थिक प्रगति व समृद्धि प्रदायक है।

=== ‘ॐ गं गणपतये नमः’ का 
=== ॐ श्री विघ्नेश्वार्य नम: 
==== ऊं श्री गणेशाय नम:
=====निर्हन्याय नमः। अविनाय नमः। 
जैसे मंत्रों से युक्त विघ्नहर्ता भगवान गणपति की प्रतिमा उस घर में स्थापित करनी चाहिए, जिस घर में हमेशा आर्थिक परेशानी, कलह, विघ्न, अशांति, क्लेश, तनाव, मानसिक संताप आदि दुर्गुण होते हैं।

केसे जाने की आपका नया घर शुभ होगा या अशुभ….??????

नया घर बाँधने या नया फ्लैट लेने से पहले यह जान लेना नितांत जरूरी है कि वह घर आपके लिए उन्नतिकारक होगा या नहीं। इस हेतु घर की ‘आय व व्यय’ की गणना की जाती है। 

आय की गणना : घर का क्षेत्रफल निकालें। इस क्षेत्रफल को 8 से भाग दें। जो संख्‍या बाकी रहे उसे ‘आय’ समझना चाहिए। यदि बाकी रहे संख्‍या ., 3, 5, 7 है तो घर आपके लिए सुख समृद्धि लाएगा मगर 0, 2, 4, 6, 8 हो तो घर अशुभ या धन की कमी करने वाला हो सकता है। ऐसे में घर के ‘बिल्ट अप एरिया’ में परिवर्तन करके शुभ आय स्थापित की जा सकती है।

व्यय की गणना : घर के क्षेत्रफल को 8 से गुणा करके 27 से भाग दें। यह संख्‍या घर का गृह नक्षत्र बताएगी। इस संख्‍या को 8 से भाग देने पर शेष संख्‍या ‘व्यय’ कहलाएगी। यदि ‘आय’ की संख्‍या व्यय से अधिक है तो घर शुभ माना जाए, यदि आय-व्यय बराबर हों तो आय-व्यय से कम हो तो वह घर कदापि आपको उन्नति नहीं देगा। ऐसे घर में परिवर्तन करना नितांत आवश्यक होता है।

उदाहरण : एक घर का क्षेत्रफल 997 वर्गफीट है। इसकी आय की गणना निम्नानुसार करेंगे।
997 भाग 8 शेष 7



7 विषम आय है जो शुभ है।

व्यय की गणना : क्षेत्रफल – 997 वर्गफीट
997 गुणा 8 – 7976
7976 भाग 27 

यहाँ आय-व्यय को देखें तो व्यय-आय से अधिक है अत: घर धन व समृद्धिदायक नहीं रहेगा। घर बनाने से पहले इन सारी बातों का विचार करना आवश्यक है ताकि नया घर आपके जीवन में खुशियाँ ला सके।

इन उपाय/टोटको/यंत्रों द्वारा भी पायें बिना तोड़ फोड़ के वास्तु दोष में सुधार——-

1) महावास्तु दोष निवारक मंत्र —-
दुर्भाग्य बश यदि आपका पूरा मकान निवास स्थान या फ्लेट ही वास्तु विरुद्ध बन गया हो  र आप किसी भी हालत में उसमें सुधार नहीं कर सकते तो केवल महावास्तु मंत्र का जाप एवं  कुर्म  देवता की पूजा करनी चाहिए जिसका विधान है कि 
सबसे पहले लाल चन्दन और केसर कुमकुम मिला कर एक पवित्र स्थान पर कछुए की आकृति बना लेँ 
कछुए के मुख की ओर सूर्य तथा पूछ की ओर चन्द्रमा बना लेँ 
सुबिधानुसार आप धातु का बना कछुआ भी पूजन हेतु प्रयुक्त कर सकते हैं 
फिर धूप दीप फल ओर गंगाजल या समुद्र का जल अर्पित करें 
भूमि पर ही आसन बिछ कर रुद्राक्ष माला से 11 माला मंत्र का जाप करें 
मंत्र-ॐ ह्रीं कूर्माय वास्तु पुरुषाय स्वाहा 
जाप पूरा होने के बाद घर अथवा निवास स्थान के चारों ओर एक एक कछुए का छोटा निशान बना दें 
ऐसा करने से पूरी तरह वास्तु दोष से ग्रसित घर भी दोष मुक्त हो जाता है दिशाएं नकारात्मक प्रभाव नहीं दे पाती उर्जा परिवर्तित हो जाती है 

2)वास्तु दोष निवारक महायंत्र —-
यदि आप ऐसी हालत में भी नहीं हैं कि पूजा पाठ या मंत्र का जाप कर सकें और आप नकारात्मक वास्तु के कारण बेहद परेशान है 
घर दूकान या आफिस को बिना तोड़े फोड़े सुधारना चाहते हैं तो उसका दिव्य उपाय है महायंत्र 
वास्तु का तीब्र प्रभावी यन्त्र —
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   121          177          944  
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   533           291          311  
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   657           111          312  
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यन्त्र को आप सादे कागज़ भोजपत्र या ताम्बे चाँदी अष्टधातु पर बनवा सकते हैं 
यन्त्र के बन जाने पर यन्त्र की प्राण प्रतिष्ठा करनी चाहिए 
प्राण प्रतिष्ठा के लिए पुष्प धूप दीप अक्षत आदि ले कर यन्त्र को अर्पित करें 
पंचामृत से सनान कराते हुये या छींटे देते हुये 21 बार मंत्र का उच्चारण करें 
मंत्र-ॐ आं ह्रीं क्रों कूर्मासनाय नम:
अब पीले रंग या भगवे रंग के वस्त्र में लपेट कर इस यन्त्र को घर दूकान या कार्यालय में स्थापित कर दीजिये 
पुष्प माला अवश्य अर्पित करें 
इस प्रयोग से एक बार में ही वास्तु दोष हट जाएगा 

3) कूर्म चिन्ह के सरल टोटके —-
—–चांदी के गिलास बर्तन या पात्र पर कछुए का चिन्ह बना कर भोजन करने व पानी पीने से भारी से भारी तनाब नष्ट होता है 
—–चार पायी बेड अथवा शयन कक्ष में धातु का कूर्म अर्थात कछुआ रखने से गहरी और सुखद निद्रा आती है जो स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी होती है 
—–पूजा के स्थान पर ऐसा श्रीयंत्र स्थापित करें जो कछुए की पीठ पर बना हो इससे घर में सुख शान्ति के साथ साथ धन एवं अच्छे संस्कार आते हैं 
—-रसोई घर में कूर्म की स्थापना करने से वहां पकने वाला भोजन रोगमुक्ति के गुण लिए भक्त को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाता है 
—-यदि नया भवन बना रहे हैं तो आधार में चाँदी का कछुआ ड़ाल देने से घर में रहने वाला परिवार खूब फलता-फूलता है 
—-बच्चों को विद्या लाभ व राजकीय लाभ मिले इसके लिए उनसे कूर्म की उपासना करवानी चाहिए तथा मिटटी के कछुए उनके कक्ष में स्थापित करें 
—-यदि आपका घर किसी विवाद में पड़ गया हो या घर का संपत्ति का विवाद कोर्ट कचहरी तक पहुँच गया हो तो लोहे का कूर्म बना कर शनि मंदिर में दान करना चाहिए 
—–घर की छत में कूर्म की स्थापना से शत्रु नाश होता है 

4)राशि अनुसार किस रंग का कूर्म देगा धन लाभ ..????
यदि आप व्यापारी है, नौकरी पेशेवाले है, अपना कोई काम करते हैं और धन लाभ प्राप्त ही नहीं कर पाते, 
आपका व्यवसाय नौकरी स्थायी नहीं है धन लाभ हो नहीं पाता या होते होते बंद हो जाता है तो 
आपको पूजा स्थान में अपनी राशी के अनुसार धनप्रदा कूर्म की स्थापना करनी चाहिए 

5)अब आइये राशि अनुसार जानते है धनप्रदा कूर्म के बारे में —–

—–मेष राशि के जातकों को धनलाभ के लिए सुनहरे रंग का मिटटी या धातु का कछुया पूजा स्थान पर स्थापित करना चाहिए जिसके नीचे आप 7 का अंक लिख दें 
—बृष राशि के जातकों को धनलाभ के लिए हरे रंग का मिटटी या धातु का कछुया पूजा स्थान पर स्थापित करना चाहिए जिसके नीचे आप 3 का अंक लिख दें
—-मिथुन राशि के जातकों को धनलाभ के लिए मटमैले रंग का मिटटी या धातु का कछुया पूजा स्थान पर स्थापित करना चाहिए जिसके नीचे आप 9 का अंक लिख दें
—–कर्क राशि के जातकों को धनलाभ के लिए आसमानी रंग का मिटटी या धातु का कछुया पूजा स्थान पर स्थापित करना चाहिए जिसके नीचे आप 5 का अंक लिख दें
—-सिंह राशि के जातकों को धनलाभ के लिए लाल रंग का मिटटी या धातु का कछुया पूजा स्थान पर स्थापित करना चाहिए जिसके नीचे आप 2 का अंक लिख दें
—–कन्या राशि के जातकों को धनलाभ के लिए भूरे रंग का मिटटी या धातु का कछुया पूजा स्थान पर स्थापित करना चाहिए जिसके नीचे आप 6 का अंक लिख दें
—–तुला राशि के जातकों को धनलाभ के लिए पीले रंग का मिटटी या धातु का कछुया पूजा स्थान पर स्थापित करना चाहिए जिसके नीचे आप 7 का अंक लिख दें
—–बृश्चिक राशि के जातकों को धनलाभ के लिए नीले रंग का मिटटी या धातु का कछुया पूजा स्थान पर स्थापित करना चाहिए जिसके नीचे आप 4 का अंक लिख दें
—-धनु राशि के जातकों को धनलाभ के लिए हरे रंग का मिटटी या धातु का कछुया पूजा स्थान पर स्थापित करना चाहिए जिसके नीचे आप 1 का अंक लिख दें
——मकर राशि के जातकों को धनलाभ के लिए जमुनी रंग का मिटटी या धातु का कछुया पूजा स्थान पर स्थापित करना चाहिए जिसके नीचे आप 6 का अंक लिख दें
—–कुम्भ राशि के जातकों को धनलाभ के लिए काले रंग का मिटटी या धातु का कछुया पूजा स्थान पर स्थापित करना चाहिए जिसके नीचे आप 8 का अंक लिख दें
—–मीन राशि के जातकों को धनलाभ के लिए सफेद रंग का मिटटी या धातु का कछुया पूजा स्थान पर स्थापित करना चाहिए जिसके नीचे आप 5 का अंक लिख दें

6)भूमि दोष नाशक मंत्र उपाय —–
——यदि आपका घर या जमीन ऐसी जगह है जहाँ भूमि में ही दोष है 
—-आपका घर किसी श्मशान भूमि कब्रगाह दुर्घट स्थल या युद्ध भूमि पर बना है 
—-कोई अशुभ साया या जमीनी अशुभ तत्व स्थान में समाहित हों 
—-जिस कारण सदा भय कलह हानि रोग तानाब बना रहता हो तो जमीन में मिटटी के कूर्म की स्थापना करनी चाहिए 
——एक मिटटी का कछुआ ले कर उसका पूजन करें 
—–पूजन के लिए भूमि पर लाल वस्त्र बिछा लेँ 
—–फिर गंगाजल से स्नान करवा कर कुमकुम से तिलक करें 
——पंचोपचार पूजा करें अर्थात धूप दीप जल वस्त्र फल अर्पित करें 
—–चने का प्रसाद बनाये व बांटे 
—–माला मंत्र जाप पूर्व दिशा की और मुख रख कर करें 
मंत्र-ॐ आधार पुरुषाय जाग्रय-जाग्रय तर्पयामि स्वाहा
——साथ ही एक माला पूरी होने पर एक बार कछुए पर पानी छिड़कें
——संध्या के समय भूमि में तीन फिट गढ्ढा कर गाद दें 
—–इस प्रयोग द्वारा समस्त भूमि दोष दूर होंगे  

7)अदृश्य शक्ति नाशक प्रयोग—— 
यदि आपको लगता है कि आपके घर में कोई अदृश्य शक्ति है 
किसी तरह की कोई बाधा है तो 
कूर्म की पूजा कर उसे मौली बाँध दें 
लाल कपडे में बंद कर धूप दीप करें 
21 बार मंत्र पढ़े 
मंत्र-ॐ हां ग्रीं कूर्मासने बाधाम नाशय नाशय 
रात के समय इसे द्वार पर रखे तथा सुबह नदी में प्रवाहित कर दें 
इससे घर में तुरन शांति हो जायेगी 

8)भूमि भवन सुख दायक प्रयोग—- 
यदि आपको लगता है कि आपके पास ही घर क्यों नहीं है? आपके पास ही संपत्ति क्यों नहीं है?
क्या इतनी बड़ी दुनिया में आपको थोड़ी सी जगह मिलेगी भी या नहीं तो परेशान मत होइए केवल कूर्म स्वरुप विष्णु जी की पूजा कीजिये 
विष्णु जी की प्रतिमा के सामने कूर्म की प्रतिमा रखें या कागज पर बना कर स्थापित करें 
इस कछुए के नीचे नौ बार नौ का अंक लिख दें 
भगवान् को पीले फल व पीले वस्त्र चढ़ाएं 
तुलसी दल कूर्म पर रखें और पुष्प अर्पित कर भगवान् की आरती करें 
आरती के बाद प्रसाद बांटे व कूर्म को ले जा कर किसी अलमारी आदि में छुपा कर रख लेँ 
इस प्रयोग से भूमि संपत्ति भवन के योग रहित जातक को भी इनका सुख प्राप्त होता है 

9)वास्तु स्थापन प्रयोग —-
यदि आपका दरवाजा खिड़की कमरा रसोई घर सही दिशा में नहीं हैं तो उनको तोड़ने की बजाये 
उनपर कछुए का निशान इस तरह से बनाये कि कछुए का मुख नीचे जमीन की ओर हो और पूंछ आकाश की ओर 
ये प्रयोग शाम को गोधुली की बेला में करना चाहिए 
कछुए को रंग से या रक्त चन्दन कुमकुम केसर से भी बनाया जा सकता है 
कछुए का निर्माण करते समय मानसिक मंत्र का जाप करते रहें 
मंत्र-ॐ कूर्मासनाय नम:
कछुया बन जाने पर धूप दीप कर गंगा जल के छीटे दें 
इस तरह प्रयोग करने से गलत दिशा में बने द्वार खिड़की कक्ष आदि को तोड़ने की आवश्यकता नहीं होती ऐसा शास्त्रीय कथन है 

अब कुछ उपाय/टोटके —–

अकारण परेशान करने वाले व्यक्ति से शीघ्र छुटकारा पाने के लिए :—-
यदि कोई व्यक्ति बगैर किसी कारण के परेशान कर रहा हो, तो शौच क्रिया काल में शौचालय में बैठे-
बैठे अभिमंत्रित जल से उस व्यक्ति का नाम लिखें और बाहर निकलने से पूर्व जहां पानी से नाम लिखा था, उस
स्थान पर अपने बाएं पैर से तीन बार ठोकर मारें। ध्यान रहे, यह प्रयोग स्वार्थवश न करें, अन्यथा हानि हो सकती है
शत्रु शमन के लिए :—
साबुत उड़द की काली दाल के अभिमंत्रित 38 और चावल के 40 अभिमंत्रित दाने मिलाकर किसी गड्ढे में दबा दें और ऊपर से नीबू निचोड़ दें। नीबू निचोड़ते समय शत्रु का नाम लेते रहें, उसका शमन होगा और वह आपके विरुद्ध कोई कदमनहीं उठाएगा।
ससुराल में सुखी रहने के लिए :—-
कन्या अपने हाथ से हल्दी की 7 साबुत गांठें, पीतल का एक टुकड़ा और थोड़ा-सा गुड़ ससुराल की तरफ फेंके, ससुराल में सुरक्षित और सुखी रहेगी।घर की महिलाएं यदि किसी समस्या या बाधा से पीड़ित हों, तो निम्नलिखित प्रयोग करें…

“सवा पाव मेहंदी के तीन पैकेट (लगभग सौ ग्राम प्रति पैकेट) बनाएं और तीनों पैकेट लेकर काली मंदिर या शस्त्र धारण किए हुए किसी देवी की मूर्ति वाले मंदिर में जाएं। वहां दक्षिणा, पत्र, पुष्प, फल, मिठाई, सिंदूर तथा वस्त्र के साथ मेहंदी के उक्त तीनों पैकेट चढ़ा दें। फिर भगवती से कष्ट निवारण की प्रार्थना करें और एक फल तथा मेहंदी के दो पैकेट वापस लेकर कुछ धन के साथ किसी भिखारिन या अपने घर के आसपास सफाई करने वाली को दें। फिर उससे मेहंदी का एक पैकेट वापस ले लें और उसे घोलकर पीड़ित महिला के हाथों एवं पैरों में लगा दें। पीड़िता की पीड़ा मेहंदी के रंग उतरने के साथ-साथ धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगी”
पति-पत्नी के बीच वैमनस्यता को दूर करने हेतु :——-
रात को सोते समय पत्नी पति के तकिये में सिंदूर की एक पुड़िया और पति पत्नी के तकिये में कपूर की २ टिकियां रख दें। प्रातः होते ही सिंदूर की पुड़िया घर से बाहर फेंक दें तथा कपूर को निकाल कर उस कमरे जला दें
पति को वश में करने के लिए——-

  • यह प्रयोग शुक्ल में पक्ष करना चाहिए ! एक पान का पत्ता लें ! उस पर चंदन और केसर का पाऊडर मिला कर रखें ! फिर दुर्गा माता जी की फोटो के सामने बैठ कर दुर्गा स्तुति में से चँडी स्त्रोत का पाठ 43 दिन तक करें ! पाठ करने के बाद चंदन और केसर जो पान के पत्ते पर रखा था, का तिलक अपने माथे पर लगायें ! और फिर तिलक लगा कर पति के सामने जांय ! यदि पति वहां पर न हों तो उनकी फोटो के सामने जांय ! पान का पत्ता रोज़ नया लें जो कि साबुत हो कहीं से कटा फटा न हो ! रोज़ प्रयोग किए गए पान के पत्ते को अलग किसी स्थान पर रखें ! 43 दिन के बाद उन पान के पत्तों को जल प्रवाह कर दें ! शीघ्र समस्या का समाधान होगा !
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    १-शनिवार की रात्रि में ७ लौंग लेकर उस पर २१ बार जिस व्यक्ति को वश में करना हो उसका नाम लेकर फूंक मारें और अगले रविवार को इनको आग में जला दें। यह प्रयोग लगातार ७ बार करने से अभीष्ट व्यक्ति का वशीकरण होता है।
    २-अगर आपके पति किसी अन्य स्त्री पर आसक्त हैं और आप से लड़ाई-झगड़ा इत्यादि करते हैं। तो यह प्रयोग आपके लिए बहुत कारगर है, प्रत्येक रविवार को अपने घर तथा शयनकक्ष में गूगल की धूनी दें। धूनी करने से पहले उस स्त्री का नाम लें और यह कामना करें कि आपके पति उसके चक्कर से शीघ्र ही छूट जाएं। श्रद्धा-विश्वास के साथ करने से निश्चिय ही आपको लाभ मिलेगा।
    ३-शुक्ल पक्ष के प्रथम रविवार को प्रातःकाल स्नानादि से निवृत्त होकर अपने पूजन स्थल पर आएं। एक थाली में केसर से स्वस्तिक बनाकर गंगाजल से धुला हुआ मोती शंख स्थापित करें और गंध, अक्षत पुष्पादि से इसका पूजन करें। पूजन के समय गोघृत का दीपक जलाएं और निम्नलिखित मंत्र का 1 माला जप स्फटिक की माला पर करें। श्रद्धा-विश्वास पूर्वक 1 महीने जप करने से किसी भी व्यक्ति विशेष का मोहन-वशीकरण एवं आकर्षण होता है। जिस व्यक्ति का नाम, ध्यान करते हुए जप किया जाए वह व्यक्ति साधक का हर प्रकार से मंगल करता है। यह प्रयोग निश्चय ही कारगर सिद्ध होता है।
    मंत्र : ऊँ क्रीं वांछितं मे वशमानय स्वाहा।”
    ४-.जिन स्त्रियों के पति किसी अन्य स्त्री के मोहजाल में फंस गये हों या आपस में प्रेम नहीं रखते हों, लड़ाई-झगड़ा करते हों तो इस टोटके द्वारा पति को अनुकूल बनाया जा सकता है।
    गुरुवार अथवा शुक्रवार की रात्रि में १२ बजे पति की चोटी (शिखा) के कुछ बाल काट लें और उसे किसी ऐसे स्थान पर रख दें जहां आपके पति की नजर न पड़े। ऐसा करने से आपके पति की बुद्धि का सुधार होगा और वह आपकी बात मानने लगेंगे। कुछ दिन बाद इन बालों को जलाकर अपने पैरों से कुचलकर बाहर फेंक दें। मासिक धर्म के समय करने से अधिक कारगर सिद्ध होगा।
    वैवाहिक सुख के लिए :—–
    कन्या का विवाह हो जाने के बाद उसके घर से विदा होते समय एक लोटे में गंगाजल, थोड़ी सी हल्दी और एक पीला सिक्का डालकर उसके आगे फेंक दें, उसका वैवाहिक जीवन सुखी रहेगा।घर की कलह को समाप्त करने का उपाय
    रोजाना सुबह जागकर अपने स्वर को देखना चाहिये,नाक के बायें स्वर से जागने पर फ़ौरन बिस्तर छोड कर अपने काम में लग जाना चाहिये,अगर नाक से दाहिना स्वर चल रहा है तो दाहिनी तरफ़ बगल के नीचे तकिया लगाकर दुबारा से सो जाना चाहिये,कुछ समय में बायां स्वर चलने लगेगा,सही तरीके से चलने पर बिस्तर छोड देना चाहिये।
    कन्या विवाह हेतु :——-
    १. यदि कन्या की शादी में कोई रूकावट आ रही हो तो पूजा वाले 5 नारियल लें ! भगवान शिव की मूर्ती या फोटो के आगे रख कर “ऊं श्रीं वर प्रदाय श्री नामः” मंत्र का पांच माला जाप करें फिर वो पांचों नारियल शिव जी के मंदिर में चढा दें ! विवाह की बाधायें अपने आप दूर होती जांयगी !
    २. प्रत्येक सोमवार को कन्या सुबह नहा-धोकर शिवलिंग पर “ऊं सोमेश्वराय नमः” का जाप करते हुए दूध मिले जल को चढाये और वहीं मंदिर में बैठ कर रूद्राक्ष की माला से इसी मंत्र का एक माला जप करे ! विवाह की सम्भावना शीघ्र बनती नज़र आयेगी

    परिवार में शांति बनाए रखने के लिए :—-
    बुधवार को मिट्टी के बने एक शेर को उसके गले में लाल चुन्नी बांधकर और लाल टीका लगाकर माता के मंदिर में रखें और माता को अपने परिवार की सभी समस्याएं बताकर उनसे शांति बनाए रखने की विनती करें। यह क्रिया निष्ठापूर्वक करें, परिवार में शांति कायम होगी।
    दिमाग से चिन्ता हटाने का टोटका :—–
    अधिकतर पारिवारिक कारणों से दिमाग बहुत ही उत्तेजना में आजाता है,परिवार की किसी समस्या से या लेन देन से,अथवा किसी रिस्तेनाते को लेकर दिमाग एक दम उद्वेलित होने लगता है,ऐसा लगने लगता है कि दिमाग फ़ट पडेगा,इसका एक अनुभूत टोटका है कि जैसे ही टेंसन हो एक लोटे में या जग में पानी लेकर उसके अन्दर चार लालमिर्च के बीज डालकर अपने ऊपर सात बार उबारा (उसारा) करने के बाद घर के बाहर सडक पर फ़ेंक दीजिये,फ़ौरन आराम मिल जायेगा।
    मानसिक परेशानी दूर करने के लिए :——-
    रोज़ हनुमान जी का पूजन करे व हनुमान चालीसा का पाठ करें ! प्रत्येक शनिवार को शनि को तेल चढायें ! अपनी पहनी हुई एक जोडी चप्पल किसी गरीब को एक बार दान करें
    व्यक्तिगत बाधा निवारण के लिए:—-
    हमारी या हमारे परिवार के किसी भी सदस्य की ग्रह स्थिति थोड़ी सी भी अनुकूल होगी तो हमें निश्चय ही इन उपायों से भरपूर लाभ मिलेगा।
    व्यापार, विवाह या किसी भी कार्य के करने में बार-बार असफलता मिल रही हो तो यह टोटका करें- सरसों के तैल में सिके गेहूँ के आटे व पुराने गुड़ से तैयार सात पूये, सात मदार (आक) के पुष्प, सिंदूर, आटे से तैयार सरसों के तैल का रूई की बत्ती से जलता दीपक, पत्तल या अरण्डी के पत्ते पर रखकर शनिवार की रात्रि में किसी चौराहे पर रखें और कहें -“हे मेरे दुर्भाग्य तुझे यहीं छोड़े जा रहा हूँ कृपा करके मेरा पीछा ना करना।´´ सामान रखकर पीछे मुड़कर न देखें।
    रोग से छुटकारा पाने के लिए :—–

    1. यदि बीमारी का पता नहीं चल पा रहा हो और व्यक्ति स्वस्थ भी नहीं हो पा रहा हो, तो सात प्रकार के अनाज एक-एक मुट्ठी लेकर पानी में उबाल कर छान लें। छने व उबले अनाज (बाकले) में एक तोला सिंदूर की पुड़िया और ५० ग्राम तिल का तेल डाल कर कीकर (देसी बबूल) की जड़ में डालें या किसी भी रविवार को दोपहर १२ बजे भैरव स्थल पर चढ़ा दें। 
    2. बदन दर्द हो, तो मंगलवार को हनुमान जी के चरणों में सिक्का चढ़ाकर उसमें लगी सिंदूर का तिलक करें। पानी पीते समय यदि गिलास में पानी बच जाए, तो उसे अनादर के साथ फेंकें नहीं, गिलास में ही रहने दें। फेंकने से मानसिक अशांति होगी क्योंकि पानी चंद्रमा का कारक है।

    नजर बाधा दूर करने के लिए :——– 

    1. मिर्च, राई व नमक को पीड़ित व्यक्ति के सिर से वार कर आग में जला दें। चंद्रमा जब राहु से पीड़ित होता है तब नजर लगती है। मिर्च मंगल का, राई शनि का और नमक राहु का प्रतीक है। इन तीनों को आग (मंगल का प्रतीक) में डालने से नजर दोष दूर हो जाता है। यदि इन तीनों को जलाने पर तीखी गंध न आए तो नजर दोष समझना चाहिए। यदि आए तो अन्य उपाय करने चाहिए।
    2. किसी रोग से ग्रसित होने पर : सोते समय अपना सिरहाना पूर्व की ओर रखें ! अपने सोने के कमरे में एक कटोरी में सेंधा नमक के कुछ टुकडे रखें ! सेहत ठीक रहेगी !
    3. एक रुपये का सिक्का रात को सिरहाने में रख कर सोएं और सुबह उठकर उसे श्मशान के आसपास फेंक दें, रोग से मुक्ति मिल जाएगी
    4. सिन्दूर लगे हनुमान जी की मूर्ति का सिन्दूर लेकर सीता जी के चरणों में लगाएँ। फिर माता सीता से एक श्वास में अपनी कामना निवेदित कर भक्ति पूर्वक प्रणाम कर वापस आ जाएँ। इस प्रकार कुछ दिन करने पर सभी प्रकार की बाधाओं का निवारण होता है


    शादी करने का अनुभूत उपाय :——–

     पुरुषों को विभिन्न रंगों से स्त्रियों की तस्वीरें और महिलाओं को लाल रंग से पुरुषों की तस्वीर सफ़ेद कागज पर रोजाना तीन महिने तक एक एक बनानी चाहिये।
    अगर लड़की की उम्र निकली जा रही है और सुयोग्य लड़का नहीं मिल रहा। रिश्ता बनता है फिर टूट जाता है। या फिर शादी में अनावश्यक देरी हो रही हो तो कुछ छोटे-छोटे सिद्ध टोटकों से इस दोष को दूर किया जा सकता है। ये टोटके अगर पूरे मन से विश्वास करके अपनाए जाएं तो इनका फल बहुत ही कम समय में मिल जाता है। जानिए क्या हैं ये टोटके :-
    1. रविवार को पीले रंग के कपड़े में सात सुपारी, हल्दी की सात गांठें, गुड़ की सात डलियां, सात पीले फूल, चने की दाल (करीब 70 ग्राम), एक पीला कपड़ा (70 सेमी), सात पीले सिक्के और एक पंद्रह का यंत्र माता पार्वती का पूजन करके चालीस दिन तक घर में रखें। विवाह के निमित्त मनोकामना करें। इन चालीस दिनों के भीतर ही विवाह के आसार बनने लगेंगे।
    2. लड़की को गुरुवार का व्रत करना चाहिए। उस दिन कोई पीली वस्तु का दान करे। दिन में न सोए, पूरे नियम संयम से रहे।
    3. सावन के महीने में शिवजी को रोजाना बिल्व पत्र चढ़ाए। बिल्व पत्र की संख्या 108 हो तो सबसे अच्छा परिणाम मिलता है।
    4. शिवजी का पूजन कर निर्माल्य का तिलक लगाए तो भी जल्दी विवाह के योग बनते हैं।

    घर में खुशहाली तथा दुकान की उन्नति हेतु :—–

    1. घर या व्यापार स्थल के मुख्य द्वार के एक कोने को गंगाजल से धो लें और वहां स्वास्तिक की स्थापना करें और उस पर रोज चने की दाल और गुड़ रखकर उसकी पूजा करें। साथ ही उसे ध्यान रोज से देखें और जिस दिन वह खराब हो जाए उस दिन उस स्थान पर एकत्र सामग्री को जल में प्रवाहित कर दें। यह क्रिया शुक्ल पक्ष के बृहस्पतिवार को आरंभ कर ११ बृहस्पतिवार तक नियमित रूप से करें। फिर गणेश जी को सिंदूर लगाकर उनके सामने लड्डू रखें तथा ÷जय गणेश काटो कलेश’ कहकर उनकी प्रार्थना करें, घर में सुख शांति आ जागी
    2. सफलता प्राप्ति के लिए :प्रातः सोकर उठने के बाद नियमित रूप से अपनी हथेलियों को ध्यानपूर्वक देखें और तीन बार चूमें। ऐसा करने से हर कार्य में सफलता मिलती है। यह क्रिया शनिवार से शुरू करें।


    धन लाभ के लिए :—–

    शनिवार की शाम को माह (उड़द) की दाल के दाने पर थोड़ी सी दही और सिंदूर डालकर पीपल के नीचे रख आएं। वापस आते समय पीछे मुड़कर नहीं देखें। यह क्रिया शनिवार को ही शुरू करें और ७ शनिवार को नियमित रूप से किया करें, धन की प्राप्ति होने लगेगी।
    संपत्ति में वृद्धि हेतु :—— 
    किसी भी बृहस्पतिवार को बाजार से जलकुंभी लाएं और उसे पीले कपड़े में बांधकर घर में कहीं लटका दें। लेकिन इसे बार-बार छूएं नहीं। एक सप्ताह के बाद इसे बदल कर नई कुंभी ऐसे ही बांध दें। इस तरह ७ बृहस्पतिवार करें। यह निच्च्ठापूर्वक करें, ईश्वर ने चाहा तो आपकी संपत्ति में वृद्धि अवष्य होगी।
    यदि घर के छोटे बच्चे पीड़ित हों, तो मोर पंख को पूरा जलाकर उसकी राख बना लें और उस राख से बच्चे को नियमित रूप से तिलक लगाएं तथा थोड़ी-सी राख चटा दें।
    व्यापार वृद्धि हेतु :——
     व्यापार स्थल पर किसी भी प्रकार की समस्या हो, तो वहां श्वेतार्क गणपति तथा एकाक्षी श्रीफल की स्थापना करें। फिर नियमित रूप से धूप, दीप आदि से पूजा करें तथा सप्ताह में एक बार मिठाई का भोग लगाकर प्रसाद यथासंभव अधिक से अधिक लोगों को बांटें। भोग नित्य प्रति भी लगा सकते हैं।

    जहरीले जानवर के काटने का उपाय :—–

     अधिकतर जाने अन्जाने में जहरीला जानवर जैसे बर्र ततैया बिच्छू मधुमक्खी आदि अपना डंक मार देते है,दर्द के मारे छटपटाहट होने लगती है,और उस समय कोई दवा नही मिलपाती है तो और भी हालत खराब हो जाती है,इसका एक अनुभूत टोटका है कि जिस स्थान पर काटा है,उसके उल्टे स्थान को पानी धो डालिये जहर खत्म हो जायेगा,जैसे दाहिने हाथ की उंगली में डंक मारा है,तो बायें हाथ की उसी उंगली को पानी से धो डालिये,बायें हिस्से में डंक मारा है तो उसी स्थान को दाहिने भाग में पानी से धो डालिये।
    पढाई में याददास्त बढाने का टोटका :—– याददास्त कोई हौवा नही है,कि याद होता नही है, और याद होता नही है तो पढाई बेकार हो जाती है,परीक्षा में परिणाम नकारात्मक आता है,और दिमाग का एक कौना मानने लगता है कि यह पढाई बेकार है,इसे छोड कर कोई जीवन यापन का काम कर लेना चाहिये,और इस बेकार के झमेले को छोड देना चाहिये,लेकिन नही अगर वास्तव मे आपको पढने का चाव है और आप चाहते है कि आपका परिणाम भी उन्ही लोगों की तरह से आये जैसे कि ब्रिलियेंन्ट बच्चों का आता है,तो इस टोटके को आजमा लीजिये।
    —–शाम को खाना खा कर बायीं करवट ढाई घंटे के लिये लेट जाइये,फ़िर ढाई घंटे दाहिनी करवट लेट जाइये,और ढाई घंटे उठकर सीधे बैठ कर पढना चालू कर दीजिये,यह क्रम लगातार चालू रखिये,देखिये कि जो टापिक कभी याद नही होते थे,इतनी अच्छी तरह से याद हो जायेंगे कि खुद को विश्वास ही नहीं होगा।घर से पराशक्तियों को हटाने का टोटका : एक कांच के गिलास में पानी में नमक मिलाकर घर के नैऋत्य के कोने में रख दीजिये,और उस बल्ब के पीछे लाल रंग का एक बल्व लगा दीजिये,जब भी पानी सूख जाये तो उस गिलास को फ़िर से साफ़ करने के बाद नमक मिलाकर पानी भर दीजिये।
    घर मे धन की बरक्कत के लिये टोटका : —–
    सबसे छोटे चलने वाले नोट का एक त्रिकोण पिरामिड बनाकर घर के धन स्थान में रख दीजिये,जब धन की कमी होने लगे तो उस पिरामिड को बायें हाथ में रखकर दाहिने हाथ से उसे ढककर कल्पना कीजिये कि यह पिरामिड घर में धन ला रहा है,कहीं से भी धन का बन्दोबस्त हो जायेगा,लेकिन यह प्रयोग बहुत ही जरूरत में कीजिये।

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