मकर संक्रांति के शुभ- पवन पर्व पर करें सूर्य/भास्कर भगवन की आराधना-पूजा और ये उपाय/टोटके—-


सभी संक्रान्तियों मे कर्क संक्रान्ति तथा मकर संक्रान्ति का विषेश महत्व धार्मिक तथा वैज्ञानिक दोनो रुपों मे माना जाता है। मकर संक्रान्ति एक मात्र ऐसा पर्व है जो सदैव ही .4 जनवरी को होता है मकर संक्रान्ति का पर्व सौर वर्ष  के आधार पर निर्धारित है।

सूर्य का एक राषि से दूसरी राशि मे प्रवेश की प्रक्रिया संक्रान्ति कहलाती है सूर्य का मकर रेखा से कर्क रेखा की ओर जाना उत्तरायण तथा कर्क रेखा से दक्षिणी*मकर रेखा की ओर जाना दक्षिणायन कहलाता है उत्तरायण मे दिन बडे तथा रातें छोटी प्रतीत होती हैं धूप मे तेजी तथा षीत मे धीरे-धीरे कमी आने लगती है दक्षिणायन मे यही प्रक्रिया ठीक विपरीत स्थिति मे होती है अर्थात् दिन छोटे और राते बडी प्रतीत होती है यही अंतराल ऋतु परिवर्तन का कारक और कारण है वैसे तो मकर संक्रान्ति सूर्य के संक्रमण का त्यौहार है। पंडित दयानंद शास्त्री(मोब -.) के अनुसार  ऊत्तरायण के समय देवताओं का निवास दिन मे तथा दक्षिणायन मे रात्रि मे होता है। उत्तरायण को देवयान तथ दक्षिणायन को पितृयान कहा जाता है। कहा जाता है कि मकर संक्रान्ति के दिन किसी भी धार्मिक क्रिया-कलाप मे देवता धरती पर प्रकट होते हैं तथा पुण्यात्मायें शरीर छोडकर स्वर्ग लोक मे जाती हैं।
पंडित दयानंद शास्त्री(मोब -.90.4.90067) के अनुसार सूर्य को यदि वैज्ञानिक दृश्टि से देखा जाय तो सूर्य के मकर राषि मे प्रवेष करते ही अयन बदलता है यही वजह है कि मकर संक्रान्ति को सौम्यायन कहते हैं। सौम्यांयन के प्रारम्भ से ही हेमन्त ऋतु की समाप्ति तथा षिषिर ऋतु का प्रारम्भ हो जाता है। सूर्य सदैव मार्गी रहता है कभी भी अस्त नही होता है। अपनी निर्धारित चाल के साथ सदैव चलता रहता है और अपने निष्चित समय निष्चित राषियों मे पहुंच जाता है। प्रत्येक माह मे सूर्य एक राषि का भ्रमण पूरा कहते है सूर्य जी सदैव गतिषील रहकर १२ राषियों का भ्रमण ०१ वर्श मे पूरा कर लेते हैं। यही कि्रया ऋतु परिवर्तन का कारण बनती है।
मकर संक्रान्ति मे क्या करें***??????
*सूर्य का मकर राषि मे प्रवेश  14 जनवरी ,2013-दोपहर में  दो बजकर बीस मिनट मिनट पर है साथ मे दिन मे ०९ बजकर ०७ मिनट से पंचक भी प्रारम्भ हो जाते हैं। अर्थात् प्रातः काल सूर्योदय क साथ ही पुण्य काल प्रारम्भ हो जायेगा जो अर्धरात्रि तक है।
पंडित दयानंद शास्त्री(मोब -09024390067) के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद उगते हुए सूर्य को तांबे के लोटे से जल का अध्र्य दें। पानी में कुंकुम तथा लाल रंग के फूल भी मिलाएं तो और भी शुभ रहेगा। 
अर्ध्य देते समय ऊँ घृणि सूर्याय नम: मंत्र का जप करते रहें।
१.****मकर संक्रान्ति के पर्व का विधान अत्यन्त सरल है। संक्रान्ति के दिन प्रातः तिल का तेल और उबटन लगाकर स्नान करना चाहिये।
२.****तिल के तेल से मिश्रित जल से स्नान करना चाहिये।
३.****तिल का उबटन लगाना स्वास्थ्य के लिये हितकर है।
४.****तिल से होम करने से तमाम यज्ञों का पुण्य फल प्राप्त होगा।
५.****जल मे तिल डालकर पानी पीना उत्तम है।
६.****तिल से बने पदार्थों का खाना हितकर है तथा सुयोग्य पात्र को तिल का दान करना हितकर है।
विशेष प्रयोग /उपाय—-पंडित दयानंद शास्त्री(मोब -09024390067) के अनुसार 
1- जिन लोगों की कुंडली में सूर्य नीच की स्थिति में हो वे लोग यदि मकर संक्रांति के दिन सूर्य यंत्र की स्थापना कर पूजन करें तो इससे उनकी कुंडली के दोष कम होते हैं और विशेष लाभ भी मिलता है। सूर्य यंत्र की स्थापना इस प्रकार करना चाहिए-
मकर संक्रांति के दिन सबसे पहले सुबह उठकर नित्य कर्मों से निपटकर सूर्य देव को प्रणाम करें। इसके बाद सूर्य यंत्र को गंगाजल व गाय के दूध से पवित्र करें। अब इस यंत्र का विधिपूर्वक पूजन करने के बाद सूर्य मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र
ऊँ घृणि सूर्याय नम:।
जप करने के बाद इस यंत्र की स्थापना अपने पूजन स्थल पर कर दें। इस प्रकार इस यंत्र का पूजन करने से शीघ्र ही सूर्य संबंधी होने वाली समस्याएं समाप्त हो जाती हैं।

क्या न करें*****????–पंडित दयानंद शास्त्री(मोब -09024390067) के अनुसार 
१.****अपने अभिभावक पिता का अनादर न करें।
२.****भगवान भास्कर की पूजा अराधना के अवसर पर तिल-गुड, चीनी के लड्डू दान करने की परम्परा है लेकिन सुयोग्य पात्र को ही दान करना हितकर है।
३.****कम्बल तथा शुद्ध  देषी घी का दान गरीब, बेसहारा लोगों को ही करना उत्तम होगा।
४.****सुयोग्य पात्र को ही मकर संक्रान्ति के पावन अवसर पर दान करना चाहिये।
५.****सूर्य देव की उपासना, अराधना तथा सूर्य देव से जुडी किसी भी वस्तु का दान प्रसन्नचित्त होकर तथा प्रसन्न मन से करना चाहिये। तथा भगवान भास्कर का आशीर्वाद आपको तथा आपके  परिवार को प्राप्त होगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here