होम,यज्ञ या हवन आदि में अग्निवास का मुहूर्त जानना —-




पंडित दयानन्द शास्त्री (मोब.–.) के अनुसार कोई भी अनुष्ठान के पश्चात हवन करने का शास्त्रीय विधान है और हवन करने हेतु भी कुछ नियम बताये गए हैं जिसका अनुसरण करना अति – आवश्यक है , अन्यथा अनुष्ठान का दुष्परिणाम भी आपको झेलना पड़ सकता है । इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात है हवन के दिन ‘अग्नि के वास ‘ का पता करना ताकि हवन का शुभ फल आपको प्राप्त हो सके ।


जिस दिन आपको होम करना हो , उस दिन की तिथि और वार की संख्या को जोड़कर . जमा करें फिर कुल जोड़ को 4 से भाग देवें


-यदि शेष शुन्य (.) अथवा . बचे , तो अग्नि का वास पृथ्वी पर होगा और इस दिन होम करना कल्याणकारक होता है ।


-यदि शेष . बचे तो अग्नि का वास पाताल में होता है और इस दिन होम करने से धन का नुक्सान होता है । 


-यदि शेष 1बचे तो आकाश में अग्नि का वास होगा , इसमें होम करने से आयु का क्षय होता है ।


अतः यह आवश्यक है की होम में अग्नि के वास का पता करने के बाद ही हवन करें ।


पंडित दयानन्द शास्त्री (मोब.–09024390067) के अनुसार  वार की गणना रविवार से तथा तिथि की गणना शुक्ल-पक्ष की प्रतिपदा से करनी चाहिए तदुपरांत गृह के ‘मुख-आहुति-चक्र ‘ का विचार करना चाहिए इसके लिए किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श कर लें …..

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