गुप्त नवरात्र (.8 जून-2..4 )आज से शुरू –


देवी आराधना का पर्व गुप्त नवरात्र शनिवार,28 जून-2014 से शुरू हो चुके हैं इस बार नवरात्र में अष्टमी तिथि वृद्धि होने के कारण गुप्त नवरात्र दस दिन तक चलेंगे। यह नवरात्र 7 जुलाई 2014 तक चलेंगे। साधक पूरे नवरात्र में गुप्त स्थान पर जाकर साधना करेंगे। साधक मुख्य रूप से बगुलामुखी और भैरव आराधना करेंगे। 


पंडित “विशाल” दयानन्द शास्त्री,(ज्योतिष-वास्तु सलाहकार) के अनुसार घट स्थापना का समय सुबह 7:22 से सुबह 9:04 बजे तक रहेगा। दोपहर अभिजीत मुहूर्त 12.0. बजे से 12.58 बजे तक भी घट स्थापना की जा सकेगी। 
पंडित “विशाल” दयानन्द शास्त्री,(ज्योतिष-वास्तु सलाहकार) ज्योतिष में 360 दिन में से 40 नवरात्र होते हैं। 
इनमें उत्तर परम क्रांति नवरात्र आषाढ़ शुक्ल में, दक्षिण परम क्रांति नवरात्र माघ शुक्ल पक्ष में आते हैं। ये गुप्त नवरात्र होते हैं।
पंडित “विशाल” दयानन्द शास्त्री,(ज्योतिष-वास्तु सलाहकार) के अनुसार मानव के समस्त रोग-दोष व कष्टों के निवारण के लिए गुप्तनवरात्र से बढ़कर कोई साधना काल नहीं हैं। श्री, वर्चस्व, आयु, आरोग्य और धन प्राप्ति के साथ ही शत्रु संहार के लिए गुप्त नवरात्र में अनेक प्रकार के अनुष्ठान व व्रत-उपवास के विधान शास्त्रों में मिलते हैं।इन अनुष्ठानों के प्रभाव से मानव को सहज ही सुख व अक्षय ऎश्वर्य की प्राप्ति होती है।


“दुर्गावरिवस्या” नामक ग्रंथ में स्पष्ट लिखा है कि साल में दो बार आने वाले गुप्त नवरात्रों में भी माघ में पड़ने वाले गुप्त नवरात्र मानव को न केवल आध्यात्मिक बल ही प्रदान करते हैं बल्कि इन दिनों में संयम-नियम व श्रद्धा के साथ माता दुर्गा की उपासना करने वाले व्यक्ति को अनेक सुख व साम्राज्य भी प्राप्त होते हैं। “शिवसंहिता” के अनुसार ये नवरात्र भगवान शंकर और आदिशक्ति मां पार्वती की उपासना के लिए भी श्रेष्ठ है।


विशेष—-इस दफा की गुप्त नवरात्रि के चौथे दिन यानि मंगलवार को चतुर्थी तिथि आ रही हैं …इस दिन सिंह राशि का चन्द्रमा एवं आश्लेषा नक्षत्र रहेगा..इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा हैं..


अंगारकी चतुर्थी या मंगला चौथ सभी देवताओं में प्रथम पूजनीय भगवान श्रीगणेश से सम्बन्धित है। इस महत्त्वपूर्ण तथा बहुत ही पवित्र मानी जाने वाली तिथि पर भगवान गणेश का पूजन विशेष तौर पर किया जाता है। 


पंडित “विशाल” दयानन्द शास्त्री,(ज्योतिष-वास्तु सलाहकार) के अनुसार वैसे तो प्रत्येक माह में चतुर्थी की तिथि होती है, किंतु जिस माह में चतुर्थी तिथि मंगलवार के दिन पड़ती है, उसे ‘अंगारकी चतुर्थी’ कहा जाता है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार गणेशजी का जन्म चतुर्थी तिथि में ही हुआ था। यह तिथि भगवान गणेश को अत्यधिक प्रिय है। 
पंडित “विशाल” दयानन्द शास्त्री,(ज्योतिष-वास्तु सलाहकार) के अनुसार भारतीय ज्योतिषशास्त्र में श्रीगणेश को चतुर्थी का स्वामी बताया गया है।


धन्यवाद..


आप का अपना ———


पंडित “विशाल” दयानन्द शास्त्री,(ज्योतिष-वास्तु सलाहकार)
राष्ट्रिय महासचिव-भगवान परशुराम राष्ट्रिय पंडित परिषद्
मोब. 09669290067 (मध्य प्रदेश) एवं . (राजस्थान)

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