क्यों देतें हैं जीवनसाथी (आप या आपकी पत्नी आपको) एक दूसरे 

को धोखा …??

आइये जानने का प्रयास करें—-

पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार ग्रहों का जीवन में सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है गृह अगर विपरीत होते हैं तो इंसान न चाहते हुऐ भी बुरे रास्ते पे चलने लगता है अपने उद्देश्य से भटक जाता है।
पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार हमारे ग्रहों की दशा अंतर्दशा का दैनिक जीवन में बहुत प्रभाव रहता है जानिये कौनसे गृह के विपरीत होने से आदमी अपनी जीवन संगिनी या जीवन साथी को धोका देने लगता है।
जानिए की क्यों शादी के बाद सुन्दर बीवी या हेंडसम मर्द होने के 

बावजूद अवेध सम्बन्ध या अफेयर करने के क्या कारण हो सकते हैं 

..??

.. कूछ नया करने की चाह —
( चन्द्रमा और शुक्र पर केतु का प्रभाव )—
पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार पुरूष हमेशा कुछ नया करने की कोशिश करते है पुरूष हमेशा अपनी दैनिक दिनचर्या वाले जीवन में कुछ नया चाहते है और एक रोमांचक चीजों के साथ सम्‍बंध जोड़ना चाहते है वह बहुत जल्‍दी की अपनी रोजाना जिन्‍दगी से बोर हो जाते हैं ऐसे में वे शादी के बाद लव अफेयर जैसा कदम उठाते हैं।
.. सेक्सुअल इच्छाओं के कारण —
( मंगल और शुक्र पर राहु का प्रभाव और कमज़ोर चन्द्रमा )—-
यह बात कई शोधों में भी साबित हो चुकी है कि लगभग 8. फीसदी पुरूष अपनी पत्नियों को सेक्सुअल इच्छाओं के कारण धोखा देते हैं आमतौर पर सेक्सुअल इच्छा भी कई तरह की होती है उनके भीतर सेक्सुअल एडिक्‍शन हो सकता है, जिसके चलते वे अपने मौजूदा रिश्ते से असंतुष्ट होकर नई जगह संबंध बनाने की कोशिश करते हैं।
.. अहंकार की भावना —( मंगल और राहु का शुक्र पर दुष प्रभाव )—-
पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार कुछ पुरूष अपने अहंकार के कारण भी अफेयर करते हैं कई बार अपने अहंकार को संतुष्ट करने के लिए वे दूसरी महिलाओं के प्रति आकर्षित हो जाते हैं दरअसल वे अपने पार्टनर को दिखाना चाहते हैं कि वे महिलाओं को कितनी आसानी से अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं।
4. रिश्तों में बढ़ती बोरियत के कारण —( खराब बुध + चन्द्रमा + शुक्र पर राहु का प्रभाव )—-
पण्डित दयानन्द शास्त्री के मुताबिक शादी के बाद पुरूषों के एक्स्ट्रा मैरिटयल रिलेशनशिप का एक महत्वपूर्ण कारण है रिश्ते में बोरियत आना लाइफ उस समय और भी ज्यादा नीरस हो जाती है जब पत्नी घरेलू कामकाज और बच्चों में इतनी व्यस्त हो जाए कि पुरुष के लिए समय ही ना निकाल पाए ऐसे में कुछ पुरूष इस बोरियत को दूर करने के लिए अलग-अलग महिलाओं से रिश्ता रखते हैं।
5. आत्मसम्मान की तलाश में —-
( राहु + सूर्य में खराब शुक्र )—-
कुछ महिलाओं की आदत होती है ‌कि वे अपने पतियों में किसी ना किसी बात को लेकर मीन-मेख निकालती रहती हैं या हर बात पर उन्हें टोकती हैं। ऐसे में पति चाहे-अनचाहे अपनी पत्नी से दूर हो जाता है और दूसरी महिलाओं की ओर आकर्षित होने लगता है।
6. सोसाइटी में आया खुलापन —
( मंगल+शुक्र / चन्द्र + शुक्र )—
पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार यह भी सच है कि आज के समय में विवोहत्तर संबंध बहुत आम बात है आज वर्कप्लेस पर महिलाएं और पुरूष दोनों कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं ऐसे में पुरूष महिलाओं के साथ उठते-बैठते अपनी भावनाएं शेयर करने लगता है, जिससे वह चाहे-अनचाहे नए रिश्तों में बंधता चला जाता है और अपनी पत्नी को धोखा देने लगता है।
7. काम के दौरान महिलाओं से मिलना –( शुक्र + केतु )—
आज के इस दौर में जहां पुरूष और महिला ऐक साथ काम करते हैं दिन के नौ-दस घंटे वे एक साथ ऑफिस में गुजारते हैं ऐसे में एक दूसरे की तरफ आकर्षित होने लगते हैं एक दूसरे का साथ अच्छा लगने लगता है जिसके कारण यहीं से एक्स्ट्रा मैरेटियल अफेयर की शुरुआत होने लगती है।
8. तांकझांक करने वाली आदत —
( नीच शुक्र + राहु )—
यह तो सभी जानते हैं की पुरूषों में अक्‍सर तांकझांक करने की आदत होती है उन्‍हें दूसरी औरतें ज्‍यादा आकर्षित करती है, जो महिला उनकी बीबी होती है उसमें उन्‍हे ज्‍यादा दिलचस्‍पी नहीं होती है।
9. दोस्‍तों का दबाव –( मंगल नीच + शुक्र खराब पर राहु का प्रभाव )—
कई बार दोस्‍तों के दबाव में आकर पुरूष शादी के बाद अफेयर चला लेता है और अपनी बीबी को धोखा देता है पुरूष अक्‍सर अफेयर को मजा समझते है और खुद तो करते ही है और दोस्‍तों को भी ऐसा करने के लिए कहते है अगर वो दोस्‍त ऐसा न करे तो उसे बीबी का गुलाम कहकर उसका मजाक उड़ाते है।
10. बदले की भावना —( मंगल + राहु / बुध+राहु / नीच शुक्र )–
यदि पत्‍नी अपने पति को लेकर वफादार नहीं है तो पति भी खुन्‍नस में आकर अफेयर चलाने के बारे में सोचता है, ताकि वो उसके साथ अपने हिसाब को पूरा कर सके।
11..कुंडली में शुक्र का नीच होना –( छठे / आठवें / बारवें भाव में )—-
पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार पापी ग्रह राहु या केतु की शुक्र संग युति हो या
मंगल+शुक्र पर राहु का प्रभाव हो या
चन्द्र+शुक्र पर केतु का प्रभाव हो या
बुध+मंगल+शुक्र पर राहु का प्रभाव होना….
इन ग्रहों की ऐसी कई जुगलबंधियां ही इस तरह के कारनामों को अंजाम देती की पुरुष भँवरा बन नई नई कलियों की तलाश में भटकता रहता है और ऐसे ही कई योग हैं जो स्त्री की कुंडली में भी हों तो वो भी तितली की तरह इधर – उधर के चक्कर काटती पाई जाती है।


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