जानिए वास्तु अनुसार कैसे बने पति पत्नी के मधुर सम्बन्ध —-
जानिए वास्तु अनुसार केसा हो आपका बेडरूम —-


प्रिय पाठकों, वास्‍तु का सेक्‍स से गहरा संबंध है| दांपत्‍य जीवन की बुनियाद ही सेक्‍स पर टिकी है और आजकल तेजी से टूटते रिश्‍तों का मूल कारण भी पति-पत्‍नी के बीच सेक्‍स संबंध की कमी ही है | वास्तुविद पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार सेक्‍स संबंध में कमी या यौन अतृप्ति का भी सीधा संबंध वास्‍तु दोष से है | अगर आपके जीवन में सेक्‍स जैसी मूलभूत आवश्‍यकता पीछे छूटती जा रही है या आपका पार्टनर आपसे निगाहें चुराने लगा है या फिर आपके संबंधों में मिठास खत्‍म हो चुकी है तो एक बार अपने घर, अपने बेडरूम और संबंध बनाने की दिशा के वास्‍तु की जांच जरूर करा लें क्‍योंकि प्रसिद्ध वास्तुविद पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार इसके पीछे कारण वास्‍तु दोष है|

वास्तुविद पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार सेक्‍स और प्रेम संबंधों में ताजगी बनाए रखने में वास्‍तु महत्‍वपूर्ण होता है. अगर आपके घर का उत्तर-पश्चिम (NW), दोषपूर्ण है तो आपकी सेक्‍स के प्रति रूचि घट जाती है | यही नहीं अगर आपके घर और बेडरूम की दीवारों पर गलत रंग है, जिस प्‍लॉट में आपका मकान बना है उसका और आपके बेडरूम का सही आकार न होना आदि कई कारण हैं जो आपके जीवन में कड़वाहट पैदा करने और एक्‍सट्रा मेरिटल अफेयर्स का कारण बनते हैं |


वास्तुविद पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार आज की दुनिया में वास्तु शास्त्र के अनुसार रहना बहुत आवश्यक हो गया है। धीरे धीरे वास्तुशास्त्र लोगो के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बनता जा रहा है। घर या ऑफिस बनवाने से लेकर, धन-संपत्ति, स्वास्थ्य में भी वास्तु के हिसाब से ही कार्य किये जाने लगे है। आजकल वैवाहिक जीवन में भी वास्तु की मौजूदगी दिखने लगी है। वास्तुविद पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार आपने दांपत्य जीवन में मिठास घुली रहे, इसका कामना सभी करते हैं, पति पत्नी को एक-दूसरे के समीप लाने का काम वास्तु में सुधार करके भी लाया जा सकता है। वास्तुविद पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार वैवाहिक कपल का बेडरूम हमेशा ही दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिश की ओर होना चाहिए। इससे उनके बीच स्थायी संबंध बनेंगे। 


भारतीय वास्तु शास्त्रों में घर की वास्तु से जुडे दोषों को आसानी से खत्म करने के टिप्स बताए गए है। अक्सर हम देखते हैं की कई बार छोटी-छोटी गलतफहमियां बड़े झगड़े का कारण बन जाती हैं। कई बार आपके घर का वास्‍तु आपके झगड़ों का कारण होता है। वास्तुविद पंडित दयानंद शास्त्री बता रहे हैं कि घर में आप क्‍या परिवर्तन करें, जिससे घर में प्‍यार-मोहब्‍बत का माहौल बना रहे।पति-पत्‍नी के रिश्‍तों पर बेडरूम का भी काफी प्रभाव होता है। जी हां आप मानें या नहीं, वास्‍तु के मुताबिक बेडरूम की साज सज्‍जा ही पति-पत्‍नी के बीच के रिश्‍तों की मुधरता तय करती है।वास्तु व‌िज्ञान में शयन कक्ष का बहुत ही महत्व बताया गया है इसका कारण यह है क‌ि शयन कक्ष हर व्यक्त‌ि के जीवन का एक अहम ह‌िस्सा होता है। यहीं व्यक्त‌ि अपने द‌िन भर की थकान म‌िटाता है और नई उर्जा प्राप्त करता है। दांपत्य जीवन के प्रेम और सुख के मामले में भी शयन कक्ष बहुत ही महत्व रखता है। 


वास्तुविद पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार बड़े शहरों में अपनी बीजी लाइफ के कारण पति पत्नी बेडरूम की देखभाल नहीं करते है और उसे फालतू के सामान से भर देते हैं। या यु कहे की उसमे स्टोर की तरह सामान भर लेते है। इसी उथल-पुथल में रोमांस कहीं गुम हो जाता है और रिश्ता बोझिल लगने लगता है। 


इसके साथ साथ गृह कलह के यूं तो बहुत सारे कारण होते हैं लेकिन ज्योतिष एवं वास्तु की दृष्टि से गृह कलह ग्रहों के दोषपूर्ण या अशुभ दशा होने अथवा भवन में एक या अनेक वास्तु दोष होने से भी गृह कलह उत्पन्न होने की आशंका बनी रहती है। आप अपने बेडरूम सजाकर रखें, यहां कबाड़ न जमा होने दें। ध्यान रखें की यहां साइड टेबल पर कोई भी वस्तु धूल भरी, बेतरतीब और बिखरी हुई न हो। प्यार बढ़ाने के लिए सिरेमिक की बनी विंड चाइम्स का प्रयोग करें।


वास्तुविद पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार अपने बेडरूम में रखें इन बातों का ध्यान–


—–यदि रोमांस संबंधों को मजबूती देना चाहते हैं, तो बेडरूम की दीवारों पर रोमांस को दर्शाने वाली तसवीरें लगाएं। प्रेमी युगल की तसवीर भी लगायी जा सकती है। लेकिन ध्यान रहे कि बेडरूम में देवी देवताओं की फोटो नहीं लगायी जाए।नवदंपती को कभी-कभी अपने बेडरूम में रोती हुई तसवीरें नहीं लगानी चाहिए।
—–वैवाहिक जीवन को सुखद बनाने के लिए आप अपने बेडरूम को आकर्षक और खुशबूदार कैंडल से सजाएं। फेंग शुई के अनुसार यह बेडरूम लाइटिंग का अच्छा माध्यम है।
—–अपने बेड को कभी कमरे के बीचों-बीच नहीं रखना चाहिए। बेड का सिरा किसी दीवार से जरूर टच होना चाहिए, इससे रिश्ते में जुड़ाव बना रहेगा। 
——ध्यान रखें, बेडरूम कभी भी किसी प्रकार की चर्चा व बहस करने के लिए नहीं होता। यह सिर्फ आराम करने व सोने और लाइफ पार्टनर के साथ मस्‍ती करने के लिए होता है। बेडरूम में प्‍यार के अलावा अन्‍य बातें नहीं करनी चाहिये।
—-वास्तु के अनुसार बैडरूम में सूरज की रौशनी ज्यादा आनी चाहिए क्युकी रौशनी पोसिटिव ऊर्जा अति हे और इसी से रिश्तों में मधुरता आति हे |
—- आप भूलकर भी अपने बेडरूम में किसी भी तरह के इलेक्ट्रॉनिक सामानों को न रखें। अगर कमरे में ऐसा कोई सामान हो भी तो उसे बेड से दूर हटाकर रखें। ताकि आपकी नींद खराब ना हो। कोशिश करे कम से कम सामान रखने की।
—-आपका बेडरूम दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए और इसी कोने में बेड भी रखना चाहिये। यदि आपने अपना बेड कमरे के दक्षिण-पूर्व दिशा में रखा तो आपको ठीक से नींद नहीं आयेगी, आप तनाव से घिरे रहेंगे, आपको गुस्‍सा जल्‍दी आयेगा और बेचैनी सी बनी रहेगी।
—–ध्यान रखें, पति-पत्नी जिस बेड का इस्तेमाल करें वो मेटल या धातु का नहीं बल्कि लकड़ी का होना चाहिए। 
 —-आप अपने बेडरूम में मिरर नहीं लगाए क्युकी मिरर से प्रेम सम्बन्ध में दरारे अति हे  अगर बैडरूम में मिरर लगन भी पढ़ रहा हे तो उस मिरर को ढककर रखे करके देखिये |
—-आपके बेडरूम की बाहरी दीवारों पर टूट-फूट या दरार नहीं होनी चाहिये। इससे घर में परेशानियां आती हैं। 
 —-यह वो रूम होता है, जहां आप दिन भर के सात से .. घंटे तक बिताते हैं, यानी इसके वास्‍तु का सीधा प्रभाव आपके जीवन पर पड़ता है। 
—–बेडरूम के लिए हमेशा लकड़ी का बेड ही खरीदें। लोहे, स्टील, अल्युमिनियम के बेड घमंड को बढ़ाते हैं, जिससे रिश्ते के बीच रोमांस को नुकसान होता है। लकड़ी का बेड अच्छा रहता है। वास्तु के अनुसार बेडरूम में पलंग  पर ज्यादा गद्दे नहीं लगाए ज्यादा गद्दे लगने से प्रेम सम्बन्धो के लिए हानिकारक हे इसलिए एक ही गद्दा रहने दे |इसके अलावा सुखी वैवाहिक जीवन के लिए अगर आपके पास डबल बेड है तो उसमें एक ही बड़ा वाला मैट्रेस बिछाएं अगर यह संभव न हो तो दोनों मैट्रेस के बीच में कोई मोटा मैट बिछाएं और उसके बाद उनके ऊपर चादर बिछाएं|  ऐसा न होने पर पति-पत्‍नी के बीच झगड़े की संभावना हमेशा बनी रहती है| 
—-वास्तुदोष के प्रभाव स्वरूप विवाहित दंपती के जीवन के साथ-साथ कार्यालय के वास्तुदोष रोमांटिक रिलेशन को खराब करते हैं। इस होने से उनके बीच एक-दूसरे से अलग होने की भी स्थिति बन सकती है। 
—-बेडरूम में शीशा कभी उस दिशा में न लगाएं, जहां से आपके लेटे होने की प्रतिछाया शीशे में दिखे। शयन कक्ष में आइना नहीं लगाना चाह‌िए। अगर लगाना बहुत जरूरी है तो ऐसे लगाएं क‌ि ब‌िस्तर से आपका चेहरा आइने में नहीं द‌िखे। ब‌िस्तर के सामने आइना आपके अंदर नकारात्मक उर्जा बढ़ाती है जो आपके उत्साह को कम करती है।शीशा ऐसे सेट करें, जहां से उसमें बेड बिल्कुल न दिखे। (यहां शीशे में ड्रेसिंग टेबल भी शामिल)
—–अपने बेडरूम में हर क‌िसी को नहीं लाना चाह‌िए। वास्तु व‌िज्ञान के अनुसार यह शयन कक्ष में नकारात्मक उर्जा को बढ़ाता है जो र‌िश्ते में दूर‌ियां बढ़ाने का काम करता है।
—-ध्यान रखें, आप बेडरूम की दीवार पर भगवान, देवी, देवताओं, पूर्वजों की तस्वीरें न लगाएं। इससे रोमांस में कमी आती है। यहां झरने, प्राकृतिक दृष्य आदि की पेंटिंग्स लगाई जा सकती हैं।बेडरूम में कोई ऐसी तस्‍वीर मत लगायें, जो हिंसा दर्शा रही हो। बेडरूम की दीवार का रंग चटक नहीं होना चाहिये। साथ ही जिस तरफ बेड के सिरहाने वाली दीवार पर घड़ी, फोटो फ्रेम आदि नहीं लगायें, इससे सिर में दर्द बना रहता है। अच्‍छा होगा यदि आप बेड के ठीक सामने वाली दीवार पर कुछ नहीं लगायें। इससे मन की शांति बनी रहती है।नवदंपती को कभी-कभी भी अपने बेडरूम में रोती हुई तसवीरें नहीं लगानी चाहिए। यदि रोमांस संबंधों को मजबूती देना चाहते हैं, तो बेडरूम की दीवारों पर रोमांस को दर्शाने वाली तसवीरें लगाएं। प्रेमी युगल की तसवीर भी लगायी जा सकती है। 
—-ध्यान रखें बेडरूम में गहरे रंगों का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा होना चाहिए। लाल, केसरिया, पिंक जैसे रंग मन में रोमांस का संचार करते हैं। इसलिए हल्के रंग न चुने।
—वैवाहिक जीवन को सुखद बनाने के लिए आप अपने बेडरूम को आकर्षक और खुशबूदार कैंडल से सजाएं। फेंग शुई के अनुसार यह बेडरूम लाइटिंग का अच्छा माध्यम है।  
—–वास्तुविद पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार लाइटिंग में डिम, ब्राइट का विकल्प खुला रखना चाहिए। रोमांस के क्षणों में डिम और बाकी वक्त पर ब्राइट लाइटिंग बेहतर परिणाम देती है।बेडरूम में प्रकाश व्यवस्था ऐसी होना चाहिए जिससे कि पलंग पर सीधा प्रकाश नहीं पड़े। प्रकाश सदैव पीछे या बांई ओर से आना चाहिए। पलंग के सामने की दीवार पर प्रेरक व रमणीय चित्र लगाने चाहिए। 
—–पलंग बेडरूम के दरवाजे के पास नहीं लगाना चाहिए यदि ऐसा करेंगे तो चित्त में अशांति व व्याकुलता बनी रहेगी।
—-पति-पत्नी के प्रतीक के रूप में अपने बेडरूम में दो सुंदर सजावटी गमले रखें। इनसे आपका वैवाहिक जीवन सुखमय होगा। और यदि आपकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और इसी वजह से दांपत्य जीवन सुखमय नहीं है तो सुंदर से बाउल में हल्दी – चावल के दानों के साथ मिलाकर रखें।
—-दीवार पर गैर-जरूरी फोटोफ्रेम्स न चस्पा करें, यदि करें भी तो इसे बेड से निश्चित दूरी पर ही करें।
—सेक्स में संतुष्टि के लिए दक्षिण की तरफ सिर करके सोना बेहतर माना जाता है।बेड का सिरहाना दक्षिण की ओर होना चाहिये। इससे बेचैनी नहीं रहती है और रात में अच्‍छी नींद आती है उसका स्‍वास्‍थ्‍य उत्‍तम रहता है। उत्‍तर की तरफ सिर करके सोने से खराब सपने आते हैं और नींद अच्‍छी नहीं आती और स्‍वास्‍थ्‍य खराब रहता है। वहीं पूर्व की ओर सिर करने से ज्ञान बढ़ता है, जबकि पश्चिम की ओर सिर करके सोने से स्‍वास्‍थ्‍य खराब रहता है।
—-वास्तुविद पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार पश्चिम की तरफ सिर करके सोना भी सेक्स लाइफ को आनंद से भरपूर रखने में मददगार होता है। पूर्ब की तरफ सिर करके सोने से पार्टनर के साथ चिढ़न पैदा होने लगती है।
—–उत्तर की तरफ सिर करके नहीं सोना चाहिए, इससे जिंदगी में दुख बढ़ने लगते हैं और खुशियां कहीं खो सी जाती हैं।
—-वास्तुविद पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार अगर भवन में कोई वास्तु दोष है तो गृह कलह संभव है। इसके लिए घर के प्रवेश द्वार के सामने यदि कोई पेड़, नुकीला कोना, मंदिर की छाया, हैंडपंप आदि हैं तो उन्हें या तो हटवा दें अथवा अपने द्वार को ही थोड़ा इधर-उधर शिफ्ट करवा दें। घर के अंदर युद्ध, डूबती नाव, जंगली जानवर, त्रिशूल, भाले आदि के चित्र अथवा प्रतिमा रखने से बचें। 
—-मकान के नैऋत्यकोण यानी दक्षिण-पश्चिम का क्षेत्र स्त्री-पुरूष के मधुर सम्बनधों का सूचक माना जाता है। इसलिए आपका बेडरूम इसी दिशा में होना चाहिये। इस क्षेत्र में निवास करने वाला व्यक्ति पूरे घर पर शासन करता है। 
—दक्षिणी नैऋत्य (पश्चिम-दक्षिण), उत्तरी वायव्य (उत्तर-पश्चिम) या पश्चिमी नैऋत्य (पश्चिम-दक्षिण) का निर्माण यदि ठीक न हो तो पति के संबंध अन्य महिलाओं से होते है, जिसके कारण घर में लड़ाई-झगड़े होते हैं। अगर इन दोषों को दूर कर दिया जाए तो पति के अन्य महिलाओं से संबंध खुद-ब-खुद समाप्त हो जाते हैं। 
—-पति-पत्नी को आग्नेय कोण (पूर्व-दक्षिण) में कभी नहीं सोना चाहिए। इससे मन-मस्तिष्क में अशांति रहती है और रोज विवाद होते हैं।
——पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ाने के लिए बेडरूम के दक्षिण-पश्चिम भाग में कांच या सिरेमिक पॉट में छोटे-छोटे पत्थर डालकर लाल रंग की दो मोमबत्तियां जलाएं। इससे सकारात्मक ऊर्जा फैलेगी और आपकी जोड़ी सलामत रहेगी।
—- घर के मालिक को ईशान कोण में तथा पुत्र व पुत्र वधू को नैऋत्य कोण (पश्चिम-दक्षिण) में नहीं सोना चाहिए। इससे घर में क्लेश होने की संभावना रहती है।
—-बेडरूम के गेट पर रोज रात को एक कपूर का दिया रोज लगाए कपूर जलने की खुशबु जो होती हे वो खुशबु पति पत्नी के सम्बन्द्द के लिए बहुत अच्छी होती हे 
—-विवाहित व्यक्ति को घर के वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम) में नहीं सोना चाहिए, इससे दांपत्य जीवन में नीरसता आती है।
—-प्लॉट पर निर्माण करवाते समय ईशान कोण में खाली स्थान अवश्य छोड़ें तथा नैऋत्य कोण (पश्चिम-दक्षिण) की तुलना में अधिक छोड़े तो पति-पत्नी के बीच सामंजस्य बना रहेगा।
—-बहुत से लोग अपने शयन कक्ष में वॉस बेस‌िन लगवा लेते हैं। वास्तुशास्‍त्र के अनुसार यह र‌िश्तों में व‌िश्वास को कम करता है और शक को बढ़ाता है। वॉस बेस‌िन अगर बेडरूम में अटैच बाथरूम में हो तब यह दोष नहीं लगता है।
—- यदि ईशान कोण में रसोई व शौचालय हो तो गृह क्लेश होने की संभावना सबसे ज्यादा रहती है।
—–यदि दक्षिण में उत्तर की अपेक्षा अधिक रिक्त स्थान छोड़ा गया हो तो घर की महिलाओं में अशांति रहती है।
—-वास्तुविद पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार पति-पत्‍नी को अपने सिर की तरफ पानी नहीं रखना चाहिए और उनके बेडरूम की दीवारों का रंग हल्‍का और रुहानी होना चाहिए न कि चटख| वैवाहिक संबंधों का भरपूर लुत्‍फ उठाने के लिए पति-पत्नी को कमरे के दक्षिण-पश्चिम (SW) दिशा में संबंध बनाना चाहिए | इसके अलावा अगर आपके घर का उत्तर-पूर्व (NE) नहीं है या कटा हुआ है या गोलाकार में है या दोषपूर्ण है तो इससे संतान प्राप्ति में दिक्‍कत आती है और अगर संतान हो भी तो वह दोषपूर्ण हो सकती है |
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जीवन साथी के चाह करने वाले एंव दाम्‍पत्‍य जीवन को मधुर बनाने वाले स्त्री-पुरूष निम्न उपायों द्वारा इस क्षेत्र को गतिशील बना सकते है। 
1- घर के बेडरूम को लाल या गुलाबी रंग से पेन्ट करके, इस क्षेत्र को सक्रिय किया जा सकता है। 
.- बेडरूम में प्रकाश की मात्रा बढ़ाकर सकारात्मक उर्जा को बढ़ाया जा सकता है, जिससे आपके सम्बन्ध मधुर और प्रगाढ़ हो जायेंगे।
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—वास्तुविद पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार घर की खटपट से बचने के लिए पति-पत्नी को उत्तर-पूर्व दिशा में जूते-चप्पल रखने से बचना चाहिए।
—-वास्तुविद पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार पति और पत्नी के बीच झगड़ा होता हो तो घर में विधि-विधान से स्फटिक के शिवलिंग स्थापित करके 41 दिनों तक उस पर गंगा जल और बेल पत्र चढ़ाएं तथा ऊं नम:  शिवशक्तिस्वरूपाय मम गृहे शांति कुरु कु रु स्वाहा: मंत्र का 11 माला जप करने से झगड़ा शांत होने लगता है।
—-वास्तुविद पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार अपने घर एवं आसपास के परिसर को स्वच्छ रखें इससे positive energy का circulation आसानी से हो जाता है
—- हमेशा प्रसन्न एवं संतुष्ट रहें, घर के सदस्यों के मात्र प्रसन्नचित्त रहने से घर की .0% तक वास्तु की शुद्धि हो जाती है क्यूंकि पवित्र ऊर्जा अपना संचार आसानी से कर पाती है
—-यदि घर में परेशानी ज्यादा है तो ध्यान रखे घर के पर्दे, दीवार, चादर इत्यादि के रंग काले, बैंगनी या गहरे रंग के न हों यह ध्यान रखें!
—-घर में कोई टुटा हुआ सामान न संभाल कर रखे इससे रिश्तों में दरार आ जाती है चाहे व् family life हो या social life या business relationships.
—– वास्तुविद पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार छोटी-छोटी बातों पर होने वाले विवादों को रोकने के लिए केवल सोमवार अथवा शनिवार के दिन गेंहू पिसवाते समय सौ ग्राम काले चने भी मिलवाएं। इसकी रोटी खाने से भी कलह दूर होता है।घर में कलह-क्लेश टालें, कोशिश करे की कोई भी विवाद या झगड़ा ज्यादा न बढ़े इससे वास्तु दोष बढ़ जाता है.घर में शांति बनाएँ रखे. क्लेश से कष्ट और बढ़ता है एवं धन का नाश होता है |
—चंद्र की अशुभता और कलह—-यदि चंद्र ग्रह के अशुभ या दूषित होने से परिवार में अक्सर कलह रहता है तो इसके लिए रविवार रात में अपने सिरहाने स्टील या चांदी के एक गिलास में गाय का थोड़ा सा कच्चा दूध रखें और प्रात:काल उसे बबूल के पेड़ पर चढ़ा दें।
—-वास्तुविद पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार इन उपायों के साथ-साथ घर में गूगल की धूनी देने, गणेश एवं पार्वती की आराधना करने, चींटियों को शक्कर डालने, पूर्व दिशा की ओर सिरहाना करके सोने, हनुमान जी की उपासना करने, सेंधा नमक मिश्रित पानी से घर में पोछा लगाने आदि से भी गृह कलह दूूर होकर शांति बनी रहती है।ये घर से नकारात्मक ऊर्जा को बाहर करता है ऐसा हफ्ते में एक बार कर सकते है |
—–वास्तुविद पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार शुक्र ग्रह का सीधा संबंध प्रेम से होता है। वैवाहिक जीवन और साहचर्य सुख में भी यह मददगार होता है। इस ग्रह की दिशा दक्षिण-पूर्व होती है। इस दिशा में गंभीर दोष होने पर दंपती को यौन जनित रोग हो सकते हैं। 
—घर में नियमित गौ मूत्र का छिड़काव करें या गंगा जल का भी उपयोग कर सकते है | ये घर से नकारात्मक ऊर्जा को बाहर करता है ऐसा हफ्ते में एक बार कर सकते है |



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